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हिंदी दिवस पर गृह मंत्री अमित शाह का देशवासियों को संदेश
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिंदी दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दी है। इसी के साथ बताया है कि उन्हें यह भाषा आकर्षित करती है। जी दरअसल उन्होंने आज यानी बुधवार सुबह ट्वीट किया और लिखा, “हिंदी ने विश्वभर में भारत को एक विशिष्ट सम्मान दिलाया है। इसकी सरलता, सहजता और संवेदनशीलता हमेशा आकर्षित करती है। हिन्दी दिवस पर मैं उन सभी लोगों का हृदय से अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने इसे समृद्ध और सशक्त बनाने में अपना अथक योगदान दिया है।”
हिन्दी ने विश्वभर में भारत को एक विशिष्ट सम्मान दिलाया है। इसकी सरलता, सहजता और संवेदनशीलता हमेशा आकर्षित करती है। हिन्दी दिवस पर मैं उन सभी लोगों का हृदय से अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने इसे समृद्ध और सशक्त बनाने में अपना अथक योगदान दिया है।
— Narendra Modi (@narendramodi) September 14, 2022
प्रधानमंत्री अपने एक ट्वीट में उन सभी का दिल से धन्यवाद व्यक्त किया जिन्होंने देश की सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा को समृद्ध और मजबूत करने के लिए अथक प्रयास किए हैं। अमित शाह ने ट्वीट किया, “राजभाषा हिंदी राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोती है। हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की सखी है। मोदी सरकार हिंदी सहित सभी स्थानीय भाषाओं के समानांतर विकास हेतु प्रतिबद्ध है।”
हिंदी दिवस के अवसर पर मेरा संदेश… https://t.co/E7vBpy9d0N
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2022
उल्लेखनीय है कि हिन्दी उन भाषाओं में गिनी जाती है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाती हैं। आपको पता हो राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी (बाद में चलकर महात्मा कहलाए) ने कहा था कि हिंदी जनमानस की भाषा है। उन्होंने इसे देश की राष्ट्रभाषा बनाने की सिफारिश भी की थी। हिंदी दिवस के बारे में बात करें तो इसको 14 सितंबर 1949 से मनाया गया जब हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था।
हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को पहचानता है और युवा पीढ़ी को इसका अधिक बार उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। दुनिया भर में लगभग 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के रूप में हिंदी बोलते हैं, और 420 मिलियन से अधिक लोग इसे अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। 14 सितंबर को हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह का जन्मदिन भी है। यह वजह भी है कि इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी को विशेष दर्जा दिलवाने में गोविंद दस, हजारीप्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर और मैथिलीशरण गुप्त का अहम योगदान रहा है।